कहते हे जीन रास्तो की जानकारी ना हो उस रस्ते से कभी जाना नहीं चाहिए। Hindi horror Stories के इस भाग में हम बात करने वाले हे एक डरावने सफर के वारेमे जिसने चार दोस्तों की पूरी जिंदगी ही बदल डाली।
अर्जुन , बिकास, दिलीप,और कमल चार दोस्त अपने collage लाइफ पूरी होने के खुसी में गाड़ी में पिकनिक मानाने निकले। गाड़ी तेज़ हवाओं से बातें करते हुए जंगल के बिचसे निकल रही थी। बाहर की सर्द हवाएं भी धीरे धीरे गाड़ी के अंदर दाखिल हो रही थी।
बिकास गाड़ी चला रहा था। बाकि तीनो अपनी अपनी आंखे बंद करके होटल में पहंचने का इंतेज़ार कर रहे थे। तभी अचानक गाडी की रुकनेकी बड़ी तेज़ आवाज़ आयी, और उसी झटके से बाकि तीनो की नींद टूट गयी।
अबे साले नशा करके आया हे क्या अर्जुन से गुस्से से बिकास को कहा। इतनी जोर का झटका क्यों दिया ? मेरे हातों में मोच आगयी। तभी पीछे बैठे दिलीप और कमल भी बिकास पे चिलाने लगे।
माफ़ करना दोस्तों कोहरा इतना ज्यादा था के दिखाई नहीं दिया के आगे दो रहा हे बिकास से हलकी मुस्कराहट के साथ कहा। मुझे मैप देखने दो ये बोलके गाड़ी के साइड ड्रॉयर में ढूंढ़ने लगा। पर मैप मिल नहीं रहा था।
तभी अचानक उसे याद आया के उसने आते वक़्त मैप दिलीप को दिया था। तो उसने दिलीप से पूछा।
तभी दिलपि बोल उठा :- क्या बात कर रहा हे , मेरे पास मैप नहीं हे। तूने सायद कमल या फिर अर्जुन को मैप दे दिया हो।
हमारे पास कोई मैप नहीं हे, तभी कमल और अर्जुन एक साथ बोल उठे।
वो सब मैप साथ में लाना भूल गयेथे। तभी बिकास ने कहा :- अरे होटल वाले से हि पूछ लेते हेना। उसका फ़ोन लगाओ।
पर जंगल में नेटवर्क नहीं मिल राहा था। बौहत इंतजार करने पर भी जब कोई फ़ायदा नहीं हुआ तो अर्जुन ने कहा :- अबे पूरी रात इसी रास्तेपे सोच के बिताओगे क्या। तू एक काम कर गाड़ी बाएं के तरफ मोड़ दे।
पर ये रास्ता गलत हुआ तो ? बिकास ने पुछा।
अरे तू घबरा मत यार गलत हुआ तो भी कोई दिकत नहीं हे। .गाड़ी में पेट्रोल की कमी नहीं हे।और वैसे भी आगे कोई न कोई मिल ही जायेगा तो उससे रास्ता पूछ लेंगे। अर्जुन ने बिकास को समझते हुए बोला।
सर्द भरी रातों में रुके रहने का कोई मतलब नहीं था। वो सब बाएं की और चल पड़े। सर्द हवाओं ने फिरसे सबको अपने आगोस में लेना सुरु कर दिया। तभी फिर से बिकास के पैर ब्रेक पे जा लगे ।
साले अब फिरसे क्या हुआ। ये बोलके अर्जुन फिरसे चिलाने लगा। पर इस बार माजरा कुछ और ही था। कई बार पुकारने पर भी बिकास जबाब नहीं दे रहा था। मानो जैसे किसी ने उसकी आवाज़ छीन ली हो।
वो इशारो में चारों को कुछ दिखाने लगा। सर्द हवाओं के वजेसे सामने ज्यादा दूर तक देखपाना भी मुमकिन नहीं था । इसीलिए बाकि तीनो को कुछ खास दिख नहीं रहा था। लेकिन बिकास की आंखे साफ साफ उसे देख सकती थी।
बिकास ने अर्जुन से धीमे आवाज़ से काहा – तुझे दिखाई नहीं देता क्या रे ? सामने वो.. जो। …..
बिकाश की कांपती जुबान से पत्ता लग राहता था की सामने कुछ तो हे जिसे देख कर बिकास डर राहा हे। तू गाड़ी साइड से लेले ना, वो जो कोई भी हो हमे उससे कोई काम नहीं हे। तू चुप चाप गाड़ी को साइड से लेले। अर्जुन ने बिकास से चुपके से काहा।
अर्जुन की बाते सुनके बिकास ने गाड़ी को उसके साइड से ले लिया।
कुछ समये तक गाड़ी एक दम सही चलती रही पर कुछ देर चलने के बाद गाड़ी अचानक रुक गयी।
इसबार गाड़ी को बिकाश ने नेही रोका था……. गाड़ी अपने आप ही रुक गईथी।
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