एक डरावना सफर-अन्तिम भाग | Hindi horror Stories

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एक डरावना सफर-भाग 1 | Hindi horror Stories

एक डरावना सफर- भाग 2 | Hindi horror Stories

तीनो के लास को देख के अर्जुन ने जैसे तैसे करके खुद को संभाला। उसके एक फेसले उसके तीन दोस्त अपने जान से हाथ धो बैठे थे। कास उसने बिकाश को आगे बढ़ने को ना  काहा होता, तो सायद आज उसके दोस्त जिन्दा होते।

अब वो अकेला जिन्दा बचा था। इतने घने जंगल में अकेले रुके रहना खतरे से खली नहीं हो सकता। अर्जुन ने आगे बढ़ने का फैसला लिया। अर्जुन कुछ ही कदम आगे बढ़ा होगा, उसे पीछे से किसी के कदमों के आहट सुनाई दिया। अर्जुन अपने आप को संभालते हुए पीछे सर घुमाया तो उसने जो देखा उसके पैरों के निचे से मनो जैसे जमीं खिसक गयी हो।

एक काली साया ठीक उनके गाड़ी के पास खड़ी थी। और वो गाड़ी मेसे उसके तीन दोस्तों को खींच के जंगल में लेके जा रही थी। अर्जुन के पैर ऐसे कांप रहेथे जैसे मानो वो अपने मौत को देख रहा हो। अर्जुन कुछ कर पता इससे पहले ही वो काली साया उसके तीन दोस्तों को लेके जंगल में कहीं गायब हो गयी। अर्जुन के आंखोसे हलकी हलकी आंसुओं की लकीरे बहती रही। उसके वजेसे उसके दोस्त आज नहीं रहे।

अर्जुन बेबस होके बस देखता रहा। जिंदगी में पहली बार मौत का ऐसा भयंकर तांडव देखा था। दोस्तों को बचाने की सारि उम्मीद टूट ने के बाद वो एक दम से टूट चूका था। खुद को बचाने के लिए भी अब उसके पास कोई सहरा नहीं था। पर उसे आगे तो बढ़ना ही होगा।

तभी अचानक उससे कमल और बिकाश की दर्द भरी चीख सुनाई देती हे। ये चीख सुनके अर्जुन का मन डर और खुसी दोनो से भर जाता हे। क्या उसके दोस्त अभी तक जिन्दा हे ? उसके दिल में उम्मीद की एक नयी किरण खेल जाती हे।

वो हिमत जुटा के जंगल की और भागता हे । तभी उसके दिमाग में एक सुझाव आया। उसने पुलिस को बुलाने की सोची ,पर  मोबाइल तो गाड़ी में रह गया था। वो तुरंत गाड़ी की और भागा।

मोबाइल मिलते ही उसने पुलिस को फ़ोन मिलाया। तभी उस तरफसे दबी हुई आवाज़ में किसी ने हेलो बोला तो अर्जुन ने घबराते हुए  हकलाते हुए बोला :- हेलो। देखिये में अर्जुन बोल रहा हूँ। में एक जंगल में फस गया हूँ। मुझे और मेरे दोस्तों को यहांसे निकालिये इस जंगल से।

तभी उधर से आवाज आयी :- आपको किसने कहा था उस जंगल के रास्ते जाने क लिए। आपको वो बोर्ड नहीं दिखाई दिया क्या ?अब उस जंगल में रात को कोई नहीं जाता। हम भी नहीं जा सकते। आपको सुबह होने का इंतजार करना पड़ेगा। ये सुनके अर्जुन के उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा।

अब सुबह होने तक उस्से अकेले ही इस आत्मा को झेलना पड़ेगा। अर्जुन को ये भी नहीं पता के उसके दोस्त अभी तक जिन्दा हे भी या नहीं। अर्जुन जैसे ही अपने कदम जंगल की और बढ़ता हे तो वो काली साया ठीक उसके सामने आके खड़ी हो जाती हे।

एक डरावना सफर-अन्तिम भाग

अर्जुन को अपने आखो पे यकीन ही नहीं हो पाता। उसे भुत , प्रेत , आत्मा आदि पे भरोसा नहीं था कभी। पर आज वो एक डरावनी आत्मा के सामने खड़ा हे।

मेरे दोस्तों को छोड़ दो। बदलेमे मुझे मारडालो ,अर्जुन ये कह के उसके आगे घुटने टेक दिए । नजाने उसके आंसुओं में ऐसी क्या ताकत थी जब अर्जुन की आंखे खुली तो वो आत्मा गायब हो चुकीथी। पर वहां पर एक सफ़ेद कपडा मीला जिसमे लिखा था यहाँ से चले जाओ। और जिंदगी में दुबारा कभी लौट के मत आना।

अर्जुन खुद को संभालता हुआ गाड़ी में बैठा। आया था दोस्तों के साथ पर उसकी नासमझी के वजसे उसे अकेले ही लौटना पड रहा हे। गाड़ी स्टार्ट किया और जैसे ही गाड़ी को पीछे खींचने लगा तो दूर से उसे कमल ,बिकास और दिलीप हात हिलाते हुए खड़े नजरआए। मनो जैसे तीनो अर्जुन को अलविदा कह रहे हो। और ठीक उनके पास वो काली साया भी खड़ी हुई दिखी।

अर्जुन के आंखोसे आंसू बहते चले जा रहे थे। पर उसे वापस जाना ही होगा। वो खुद को दोसी मान के गाड़ी चला ही रहता की तभी अचानक उसके गाड़ी के पास से एक ट्रक जोर से हॉर्न देके निकली जिससे अर्जुन ने अपना संतुलन खोदिया और गाड़ी खाई में जा गिरी।

और निचे गिरने की साथ ही गाड़ी में जबरदस्त धमाका हुआ। और उसी धमाके के साथ अर्जुन की आंखे खुली तो उसने देखा गाड़ी हवाओं से बात करती हुयी तेज़ रफ्तार से जा रही हे। बिकाश गाड़ी चला रहा हे। पीछे दिलीप और कमल भी बैठे हैं। अर्जुन कुछ समझ पता तभी बिकाश ने जोर की ब्रेक लगाई। गाड़ी दो रहे पे खड़ी थी। किधर जाएँ इस बात को लेके सबमे बेहेस हो रहीथी।

तभी अर्जुन बोल उठा :- “गाड़ी को पीछे लेलो” 

“कभी कभी हम अपने ताकत के नशे में चूर कुछ परम सक्ति को चुनौती दे बैठ ते हैं ,पर कभी कभी इसके लिए हमे भारी कीमत चुकानि पड़ती हे। तो अगर आप भी कभी किसी दो राहे में फसे तो आप जानते हे ना आपको क्या करना हे “

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